सुलभ शौचालय को तरसता आदमपुर
मंडी आदमपुर,8 नवम्बर।
आदमपुर की अनाज मंडी प्रदेश के सबसे कमाऊ मंडिय़ों से एक है। यहां से करोड़ों रुपयों की मार्केट फीस सरकार के खाते में जाती है। परंतु इतना सब होने के बाद भी यहां पर सरकार की अनदेखी के चलते विकास के कार्य ठप्प पड़े है। मार्केटिंग बोर्ड की अनदेखी के चलते यहां पर सुविधाओं के अभाव में किसानों व श्रमिकों को काप्ऊी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अनाज मंडी में सबसे बउ़ी परेशानी का कारण यहां पर एक भी सुलभ शौचालय का न होना है। करीब 200 फर्मों वाली इस मंडी में एक भी सुलभ शौचालय न होने के कारण यहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पर अनाज बेचने के लिए आने वाले किसान लघुशंका होने पर आदिम जमाने की तर्ज पर बोतल उठाकर रेलवे लाईन पर जाने को मजबुर हो जाते हैं। वहीं महिला श्रमिकाओं की हालत और भी ज्यादा दयनीय है। इन्हें पेशाब तक करने के लिए एक से दो किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। प्रदेश की सबसे व्यवस्थित मंडी का दर्जा रखने वाली आदमपुर की अनाज मंडी में शौचालय की समस्या आज की कोई नई नहीं है। यह समस्या चौ.भजनलाल के शासन काल के दौरान ही आरम्भ हो गई थी। जोकि आज तक ज्यों की तयों ही है। हलांकि मंडी बोर्ड ने यहां पर दो शौचालयोंका निर्माण करवाया हुआ है। परंतु इन दोनों शौचालयों की हालत इतनी ज्यादा पतली है कि 1990 के समय ही इन्हें खतरनाक मानते हुए बंद कर दिया गया था। तब से लेकर आज तक ये दोनों शौचालय खंडहर के रुप में यहां खड़े है। पिछले वर्ष तत्कालिन मार्केट कमेटी सचिव धर्मपाल ने इनकी मुरम्मत करवाकर इन्हें आरम्भ करने की कोशिश की थी। परंतु उनकी यह कोशिश व्यर्थ ही गई। उन्होंने इन दोनों शौचालयों को ठीक करवाने में जितना पैसा खर्च किया उतने पैसे में यहां पर एक सुलभ शौचालय बन सकता था। परंतु यहां के अधिकारियों ने कभी इस समस्या को गम्भीरता से लिया ही नहीं। यहां के व्यापारी इस समस्या को प्रशासन से लेकर शासन तक में अपनी आवाज पहुंचा चुके है, परंतु आज तक नतीजा कुछ भी नहीं निकल पाया है। अब ग्राम पंचायत ने भी प्रशासन व शासन का ध्यान इस तरफ आकर्षित करने का निर्णय लिया है। सरपंच सुभाष अग्रवाल से बात करने पर उन्होंने इस समस्या को काफी गम्भीर समस्या बताते हुए इसे ग्राम पंचायत की बैटक में रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वे इस बारे में ग्राम पंचायत की बैठक में प्रस्ताव पास करके मार्केटिंग बोर्ड व मुख्यमंत्री को भेज कर समस्या का निदान करवाने का प्रयास करेंगे।
भारत को जानों प्रतियोगिता अब 28 को
मंडी आदमपुर,8 नवम्बर।
भारत विकास परिषद् द्वारा आज होने वाली भारत जानो प्रतियोगिता अब 28 नवम्बर को होगी। उक्त जानकारी देते हुए परिषद् के नीरज सैनी ने बताया कि किन्हीं कारणों के चलते आज होने वाली यह प्रतियोगिता 20 दिन आगे कर दी गई है। अब यह प्रतियोगिता 28 नवम्बर को होगी। इसमें आदमपुर क्षैत्र के सभी स्कूलों से जूनियर व सिनियर टीमें भाग लेगी। इससे पहले स्कूल स्तर पर होने वाली प्रतियोगिताओं का आयोजन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।
बाबा का जागरण आयोजित
मंडी आदमपुर, 8 नवम्बर।
श्री श्याम मित्र मंडल द्वारा बोगा मंडी में विशाल जागरण का आयोजन किया गया। इस जागरण में बाहर से आए कलाकारों ने श्याम बाबा का गुणगान किया। इस दरौन भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने जागरण में आकर बाबा को गुणगान सुना और भक्तिरस के सरोवर में स्नान किया। वहीं शिव कालोनी में राष्ष्ट्रीय आर्य निर्मात्री सभा के प्रचारक हरिकिशोर शास्त्री ने संस्कार कक्षा का आयोजन किया। इसमें 12 से 16 साल के बच्चों ने ीााग लिया। इस दौरान शास्त्री ने भारत देश के इतिहास पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने नैतिक मूल्यों और नैतिक कर्तव्यों के बारे में भी बच्चों को विस्तारपूर्वक बताया।
ना शर्म, ना लज्जा....निर्लज्ज बने आदमपुरवासी
पेयजल के नाले में साफ करते है पखाना
मंडी आदमपुर,8 नवम्बर। दिवाली पर पटाखें के जरिए वायु व ध्वनि व्रदूषण करके प्राणी जगत के लिए दानवता की भूमिका निभाने वालों ने अब जल प्रदूषण करने में भी कोई संकोच नहीं किया। लोगों ने अब अपने घरों की सफाई करके पटाखें के अवशेष, मिट़टी के दीये, मोमबत्ती के अवशेष, पूजन सामग्री के अवशेष व देवी-देवताओं की तस्वीरे वाटर बक्स की तरफ आ रहे पानी के नाले में डाल दी है। कुछ लोगों ने ये सामग्री खैरमपुर रोड़ स्थित पूल से ही इस नाले में डाल दी तो कुछ लोगों ने हनुमान मंदिर के आगे इस गंदगी को पानी के नाले में फैंक इी है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इस नाले का पानी आदमपुर के वाटर बक्स में आत ाहै। यहीं का पानी पूरे शहर में सप्लाई किया जाता है। ऐसे में इस पानी मेकं पटाखों के अवशेष व अन्य गंदगी डालना सीधे तौर पर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने के समान ही है। लोगों की इसी मर्खता के चलते यहां पर समय-समय पर वायरल, पीलिया, आंत के रोग, पेट के रोग व लिवर के रोग फैलते रहते है। सबसे ज्यादा लज्जा व घृणा की बात तो यह है कि वाटर बक्स के टैंक भरने के लिए बनी छोटी नाली पर यहां फैक्टरियों में काम करने वाला मजदूर सुबह और देर रात अपना पखाना तक साफ करते है। इसे आदमपुर के अज्ञानी समाज की झुठी शान ही कहा जा सकता है कि पीने के पानी में इस प्रकार की गंदगी को मिलाकर यहां के लोग स्वयं को सभ्य समाज का हिस्सा मानने से भी हिचकते। गौरतलब है कि पिछले वर्ष नवम्बर माह में ही यहां पर टैंकों को साफ करने काम 'जीवन आधार' ने समाजसेवियों, जागरुक लोगों और धार्मिक संगठनों की सहायता से पूरा किया था। परंतु लोगों की अज्ञानता के चलते अब फिर से इन टैंकों में भारी मात्रा में मल व गंदगी जमा हो चूकी है।
Sunday, November 7, 2010
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