दो दुकानों से भारी मात्रा में अवैध पटाखें पकड़े
मंडी आदमपुर।
तहसीलदार औमप्रकाश मांजू ने आज सुबह से ही अवैध पटाखें विक्रेताओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कई जगह छापे मारे। प्रशासन के सख्त रवैये के चलते बड़े कारोबारियों ने जहां हाथों-हाथ अपने पटाखें दुकानों के गोदाम से निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिए थे, वहीं कुछ दुकानदार निर्भीक होकर पटाखें बेचने में लगे हुए थे। तहसीलदार औमप्रकाश मांजू ने आज तड़के मेन बाजार में अवैध पटाखों को जब्त करने का अभियान आरम्भ किया। इसके चलते बाबूराम व रत्नलाल की दुकान से भारी मात्रा में अवैध पटाखें बरामद किए गए। दोनों की दुकानों में रखे पटाखें तहसीलदार ने जब्त कर लिए और कानूनी कार्रवाही आरम्भ कर दी। वहीं बड़ी मछली इस बार भी प्रशासन के जाल में नहीं फंस पाई। मेन बजार में करोड़ों रुपयों के अवैध पटाखें बेचने वाले कारोबारी इस बार भी प्रशासन की पकड़ से बाहर ही रहे। बताया जा रहा है कि प्रशासन की नींद टूटने से पहले ही बड़े कारोबारी अपना माल बेच चुके थे। आज प्रशासन की पकड़ में आए दोनों व्यापारी इस खेल में काफी छोटे खिलाड़ी बताए जा रहे है। चर्चाएं है कि प्रशासन के जाल में कई बड़े छेद होने के कारण बड़े कारोबारी कानून की पकड़ में नहीं आ पाए। वहीं तहसीलदार द्वारा चलाए गए आज के अभियान से अवैध पटाखें बेचने वालो में अब खौफ का महौल देखने को मिल रहा है। वहीं आदमपुर में लाइसेंसधारी पटाखों की स्टाल आज अनाज मंडी के पीछे स्थित जनता पार्क में लगाई गई। बजार में पटाखें न होने के कारण इन दुकानों पर काफी भीड़ भी देखी गई। लोगों का कहना है कि यहां काफी कम संख्या में स्टाल होने के कारण पटाखों के रेट काफी वसूले जा रहे हैं। स्टाल संचालक मनमाने ढ़ंग से लोगों से पैसे ले रहे है।
मिठाई के लिए उमड़े लोग
जलेबी के लिए लगी लम्बी लाईने
मंडी आदमपुर।
प्रशासन द्वारा हलवाईयों के खिलाफ छेड़े गए अभियान के विपरीत जा कर छोटी दिवाली के दिन ही लोगों ने खूब दिल खोलकर मिठाईयां खरीदी। हालांकि प्रशासन के रवैये के चलते हलवाईयों ने इस बार काफी कम मात्रा में मिठाई बनाई है, परंतु लोगों ने छोटी दिवाली पर ही मिठाई के प्रति अपनी रुचि दिखाकर साफ कर दिया वे आज भी हलावाईयों पर विश्वास करते है न कि प्रशासन की कार्रवाही पर। एक अनुमान के अनुसार आज आदमपुर में करीब 10 लाख रुपयों की मिठाई बेच ड़ाली। यहां लोगों ने देशी घी की जलेबी, बालूशाही और इमरती की जमकर खरीददारी की। गौरतलब है की आदमपुर की देशी घी की जलेबी, बालूशाही व इमरती देशभर में एक अलग पहचान रखती है। प्रदेश के आला अधिकारी भी आदमपुर की जलेबी के मुराद रहे है। इसका असर दिवाली के पर्व भी देखने को मिल रहा है। यहां पर लोग इन तीनों मिठाईयों के लिए बकायदा लाईन में लग इंतजार करते हुए दिखाई दिए। इसके ठीक विपरीत लोगों ने चॉकलेट आदि के गिफ्ट पैक को यहां पर पूरी तरह से नकार ही दिया। कई दुकनदारों ने नामी कम्पनियों की चॉकलेट गिफ्ट आईटम की स्टाल भी लगाई और मिठाईयों के खिलाफ प्रचार करके चॉकलेट गिफ्ट करने सम्बंधी प्रचार भी किया। परंतु इस सबके बाद भी लोगों ने मिठाई की खरीद पर अपना ध्यान ज्यादा केंद्रित रखा। कुल मिलाकर आज लोगों के रुझान से साफ हो गया कि आदमपुर के हलवाई अपनी विश्वसनीयता के दम पर मिठाई बेचते हैं।
Thursday, November 4, 2010
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