Wednesday, November 3, 2010

आदमपुर न्यूज़ ३ november 2010

आदमपुर बारुद के ढ़ेर पर
मंडी आदमपुर, 3 नवम्बर।
प्रशासन की अनदेखी के चलते आदमपुर इस समय बारुद के ढ़ेर पर है। अवैध रुप से करोड़ों रुपयों के पटाखें यहां जमा होने के कारण कई लोगों का जीवन दाव पर लगा हुआ है। वहीं प्रशासन को इस बात की भनक होते हुए भी वह कोई कार्रवाही नहीं कर रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार घ्रनी आबादी वाले मेन बाजार में इस समय कई दुकानों में अवैध रुप से पटाखों का स्टॉक किया जा चुका है। पिछले एक सप्ताह के दौरान यहां से काफी भारी मात्रा में पटाखें राजस्थान में सप्लाई भी किए जा चूके हैं। इसके बाद भी यहां पर कई दुकानों में लाखों रुपए के अवैध पटाखें जमा है। मेन बाजार की दुकानों में ही पीछे बने गोदामों में जमा किए गए पटाखों की मात्रा इतनी अधिक बताई जा रही है कि किसी भी अप्रिय स्थिती में यहां पर घर के घर तबाह हो सकते हैं। बारुद के इस अवैध स्टॉक में आग लग जाती है तो आदमपुर में इतना अधिक जान-माल का nuksan हो सकता है कि उसकी भरपाई करने में एक पीढ़ी का समय लग सकता है। मेन बजार की भूगोलिक स्थिती पर नजर ड़ाली जाए तो यहां पर करीब 23 फुट की सड़क है। जबकि पीछे की तरफ महज 12 फुट की ही सड़क है। ऐसे में यदि यहां पर रखे अवैध पटाखों में आग लग जाती है तो आग को बुझाने में प्रशासन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा यहां पर प्रत्येक दुकान के ऊपर ही निवास बने हुए है। ऐसे में आग लगने की स्थिती में ऊपर रहने वालो को नीचे आने का समय मिलना भी मुश्किल से मिल पायेगा है। अवैध पटाखों से लबालब यहां के गोदाम खतरें का साप्ऊ इशारे कर रहे हैं। परंतु कुछ दुकनदारों ने महज अपने मुनाफे के लिए पूरे शहर की आधी अबादी की जान खतरे में डाल रखी है। चौकान्ने वाली बात तो यह है कि प्रशासन को इस बात की भनक होते हुए भी वह इनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाही नहीं कर है। अवैध पटाखों के स्टॉक से न केवल आम व्यक्ति की जान खतरे में है बल्कि सरकार को भी टैक्स के रुप में होने वाली आमदनी भी ये दुकनदार डकार रहे हैं। प्रशासन के रवैये से साफ लगता है कि वह यहां पर किसी बड़ी घटना होने का इंतजार कर रहा है। कानून और नियमों को दरकिनार कर यहां किए गए अवैध पटाखों के स्टॉक के बारे में जब तहसीलदार से बात करने की कोशिश की गई तो वे उपलब्ध नही ंहो पाए।

सरपंच के नेतृत्व में चला सफाई abhiyan
आदमपुर, 3 नवम्बर।
ग्राम पंचायत मंडी आदमपुर द्वारा आज जवाहर नगर में सफाई अभियान चलाया गया। उक्त जानकारी देते हुए सरपंच सुभाष अग्रवाल ने बताया कि दिवाली के अवसर पर प्रत्येक व्यक्ति अपने घर की सफाई करता है। ऐसे में ग्राम पंचायत के सदस्यों ने दिवाली के अवसर पर शहर को साफ करने का अभियान पिछले काफी दिनों से चलाया हुआ है। इससे पहले बस स्टैंड, समान्य अस्पताल, अग्रसेन चौक, क्रांति चौक, आईटीआई रोड़, कॉलेज रोड़ पर सफाई अभियान चलाया जा चुका है। अब जवाहर नगर व सलम ऐरिया की सफाई की जा रही है। जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर-ट्रालियों की सहायता से चल रहे इस अभियान की चारों तरफ से सरहाना भी हो रही है। गौरतलब है कि आदमपुर के इतिहास में ग्राम पंचायत द्वारा पहली बार इतने बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाया गया
वायरल,अस्थमा,हार्टअटैक, अर्थराइटिस व त्वचा के रोग se banche

आदमपुर, 3 नवम्बर। गिरते तापमान के साथ ठंड की सिरहन का एहसास अब होने लगा है। हालांकि अभी मौसम काफी लचीला है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में जरुरी है कि इसकी चपेट में आने से पहले ही बचाव के पर्याप्त उपाय किए जाएं। दिन की गुनगुनी धूप के बाद गहराती शाम में बढ़ती ठंडक से बचाव न किया तो वायरल, अस्थमा, हार्टअटैक, अर्थराइटिस, हाइपोथैलेमस, इंफ्लूएंजा व त्वचा संबंधी बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है। किरण हस्पताल के डा.श्याम बिश्रोई ने इस बारे में बातचीत करने पर बताया कि ठंडक बढऩे के साथ ही बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ती जाती है। ऐसे मौसम में नमी के कारण वातावरण में धुंध के साथ प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है, जिससे बुजुर्गो को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। साथ ही उनकी कमजोर हड्डियों में दर्द भी सताने लगता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से वे आसानी से वायरल की चपेट में आ जाते हैं। बुर्जुगों को इस मौसम में विशेष ख्याल रखना चाहिए। वे खानपान का ख्याल रखें व प्रोटिनयुक्त भोजन ज्यादा लें। अस्थमा या दमा के मरीजों को उचित परहेज के साथ स्मोकिंग से बचना चाहिए। होली हस्पताल के डा. जयंत प्रकाश वर्मा ने नवजात बच्चों के लिए इस मौसम को बेहद ही संवेदनशील बताया। उनका कहना है कि ठंड की शुरुआत को हल्के में नहीं लेना चाहिए। नवजात व छोटे बच्चों में ठंड से निमोनिया की आशंका बढ़ जाती है। बच्चों को पूरी बाह वाले कपड़े पहनाएं, सुबह-शाम बाहर जाने से बचें, ठंडी चीजें खाने को न दें, बाहर से आने के तुरंत बाद बच्चों को स्तनपान न कराएं, पीने के लिए गुनगुना पानी दें,बच्चे को सांस लेने में तकलीफ, छींक अथवा बुखार होने पर तुरंत डाक्टर से सम्पर्क करे। इसके अलावा किशोर व युवा स्वास्थ्य के लिहाजसे सर्दियों की बिल्कुल भी अनदेखी न करे। इस मौसम में कोल्ड वायरल की समस्या सबसे ज्यादा होती है। डा. जयंत प्रकाश का कहना है कि दिन में तेज धूप होने के कारण लोग गर्म कपड़े नहीं पहनते, जबकि सुबह-शाम में मौसम ठंडा होने से सर्दी, जुकाम, खासी, बुखार जैसी समस्याएं हो जाती है। ज्यादा समय तक बुखार रहने पर मरीज की डाईग्रोसिस करनी पड़ती है। हल्का बुखार होने पर मरीज पैरासीटामोल ले। साई हस्पताल के डा.मनोज मनु का कहना है कि ठंड के मौसम में हृदय रोगियों में एंजाइना या हार्टअटैक की सम्भावना 30 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। तापमान में गिरावट के साथ ही कोरोनरी हार्ट डिजीज की सम्भावना बढ़ जाती है। सर्दी के असर बढऩे पर हृदय के पंप करने की गति कम होने लगती है। सर्दी के मौसम में हृदय गति की यह कमी हृदय संबंधी मौतों का कारण बनती है। ठंड से बचाव के लिए हृदय की धड़कन व रक्तचाप दोनों का बढऩा जरुरी है। महता हस्पताल के डा. कमल महता का कहना है कि ठंड का असर हमारी त्वचा पर भी पड़ता है। इससे मुहं लाल हो जाता है, एडिय़ा फट जाती है, पैर में छाले पड़ जाते हैं व नमी के अभाव में त्वचा रुखी हो जाती है। इसे फ्रॉसबाइट कहते है। इससे बचाव के लिए घर से निकलने पर हाथ व मुहं को ढककर रखे।
दीपावली नजराने में अधिकारियों ने दिखाया समता का रंगमंडी आदमपुर, 3 नवम्बर। दिवाली का मौसम आते ही अधिकारियों की पौ-बारह होने लगती है। वहीं आदमपुर के कॉटन मील मालिकों की धड़कने बढऩे लगती है। मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों के दीपावली पर्व के बड़े नजराने से बचने के लिए ये अपने हाथ-पैर मारने आरम्भ कर देते हैं। पिछली बार नई सरकार का गठन दिवाली के पास होने के कारण यहां के मील मालिकों को काफी राहत मिली थी। परंतु इस बार चर्चाएं है कि अधिकारियों ने मील मालिकों का पिछला नजराना इस बार के नजराने में जोड़ दिया है। दीपावली पर्व के नजराने के रुप में मील मालिकों से इतना लिया गया कि ठंड के इस मौसम में भी उनके पसीने छुटने लगे है। कई मील मालिकों ने अपने आकाओं के यहां नजराने से बचने के लिए हाथ-पैर भी मारे, परंतु सब व्यर्थ का प्रलाप ही बनकर रह गया। अंत में इन्हें नजराना देना ही पड़ा। वैसे भी आदमपुर के मील मालिकों को इस बार शुरुआत में ही जोर का झटका लग गया था। यहां के मील मालिकों ने कपास के मौसम आने से पहले ही कपड़ा उद्योग से रुई का सौदा कर लिया था। परंतु इस बार कपास के दामों ने आते ही काफी ऊंची छलांग लगा दी थी। इसके चलते प्रत्येक मील मालिक को प्रति किवंटल करीब एक हजार रुपए का घाटा उठाना पड़ा था। अब जैसे-तैसे करके मील मालिक इस घाटे से उभरने का प्रयास करने में लगे हुए थे तो अधिकारियों का कहर टूट पड़ा। अनाज मंडी में चर्चा है कि अधिकारियों ने दीपावली के नजराने में अच्छे से अच्छे खिलाड़ी की ऐंठ भी निकाल कर रख दी। मुख्यमंत्री भूपंद्र सिहं हुड्डा को जलपान व खाना देने वालो से लेकर चुनाव के समय कांग्रेस की मदद करने वाले प्रत्येक मील मालिक को अधिकारियों ने जोर का झटका पूरे जोर से ही दिया। इस झटके के चलते कांग्रेस समर्थक मील मालिकों ने 1 नवम्बर को हुड्डा सरकार द्वारा करवाई गई रैली से ही दूरी बना ली। वहीं अन्य मील मालिक अब इन कांग्रेस समथकों का मजाक भी उड़ाते हुए कह रहे कि हम तो सत्ता का विरोध करने के कारण नजराना दे रहे है परंतु कुछ तो सत्ता के करीब होने का खमियाजा भुगत रहे हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो दीपावली के नजराने मामले में मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों ने समता का रुख अपना रखा है। इन अधिकारियों ने न तो सत्ता पक्ष के मील मालिकों को नजराने में किसी प्रकार की राहत दी है और न ही विपक्ष के साथ रहने वाले मील मालिकों से नजराना ज्यादा लिया है।

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